शनिवार, 9 जनवरी 2021

हे वर्ष

 हे वर्ष तुझे विदा करूँ कैसे ।

ज़ख्म मिले गहरे भरूँ कैसे ।

घात मिली मानव को मानव से,

मानवता का पाठ पढूं कैसे ।

धू धू करती काया लज़्ज़ा की ,

नारी रक्षा की शपथ पढूं कैसे ।

....विवेक दुबे"निश्चल"@....

Blog post 9/1/21

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