शुक्रवार, 9 फ़रवरी 2018

लिखता में इस आशा से

लिखता मैं इस आशा से ।
 कोई समझे अर्थ पिपासा से ।
 उतरे सागर गहरे तल में ,
 खोजे सच्चे मोती तल से ।
 ..... विवेक दुबे "निश्चल"©...

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कलम चलती है शब्द जागते हैं।

सम्मान पत्र

  मान मिला सम्मान मिला।  अपनो में स्थान मिला ।  खिली कलम कमल सी,  शब्दों को स्वाभिमान मिला। मेरी यूँ आदतें आदत बनती गई ।  शब्द जागते...