बेठे बेठे यह ख्याल आया ।
भाषा बनाई जिसने ,
उसने यह 'क्यों' क्यों बनाया ।
सीधी बात पूछो तो ,
जवाब क्यों आया ।
जो पूछा उल्टा ,
तो भी क्यों ,
सामने आया ।
कुछ न कर पाया तो ,
क्यों न कर पाया ।
कुछ कर पाया तो ,
क्यों कर पाया ।
अब सोचूं यह मैं ,
' क्यों' पर विचार क्यों आया ।
....."निश्चल" विवेक दुबे©....
भाषा बनाई जिसने ,
उसने यह 'क्यों' क्यों बनाया ।
सीधी बात पूछो तो ,
जवाब क्यों आया ।
जो पूछा उल्टा ,
तो भी क्यों ,
सामने आया ।
कुछ न कर पाया तो ,
क्यों न कर पाया ।
कुछ कर पाया तो ,
क्यों कर पाया ।
अब सोचूं यह मैं ,
' क्यों' पर विचार क्यों आया ।
....."निश्चल" विवेक दुबे©....
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