एक स्मृति मेरी माँ
जिसकी स्मृतियाँ ही शेष हैं ।
उसके बस यही अवशेष हैं ।
जी गई जीवन संघर्षो को ,
सर पे आशीष अब शेष है
उसके बारे में लिखने को ,
पास मेरे शब्द नही शेष हैं ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@.
जिसकी स्मृतियाँ ही शेष हैं ।
उसके बस यही अवशेष हैं ।
जी गई जीवन संघर्षो को ,
सर पे आशीष अब शेष है
उसके बारे में लिखने को ,
पास मेरे शब्द नही शेष हैं ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@.
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