कुछ बिखरे बिखरे अक्षर ।
सहजे कुछ शब्द गढ़ कर ।
कुछ संग चले समय से ।
चले कुछ परे रह कर ।
कुछ आधे कटते अक्षर ।
पूर्ण हुए कुछ जुड़कर ।
कुछ धुंध हुए मिटते से ,
उभर रहे कुछ मिटकर।
जीवन की इन राहो पर ,
चलते हम यूँ ही अक्सर ।
अक्षर अक्षर सा कटता ,
जीवन एक शब्द सफ़ऱ ।
कुछ बिखरे बिखरे अक्षर ।
... विवेक दुबे@...
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