शुक्रवार, 18 मई 2018

अक्षर


 कुछ बिखरे बिखरे अक्षर ।
 सहजे कुछ शब्द गढ़ कर ।
 कुछ संग चले समय से ।
  चले कुछ परे रह कर ।

 कुछ आधे कटते अक्षर ।
 पूर्ण हुए कुछ जुड़कर ।
 कुछ धुंध हुए मिटते से ,
 उभर रहे कुछ मिटकर।

 जीवन की इन राहो पर ,
 चलते हम यूँ ही अक्सर ।
 अक्षर अक्षर सा कटता ,
 जीवन एक शब्द सफ़ऱ ।

 कुछ बिखरे बिखरे अक्षर ।

... विवेक दुबे@...

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