बिंदु सिंधु होता सा ।
सिंधु जल खोता सा ।
टूटें बूंद बूंद बादल से ,
नीर नीर धरा बोता सा ।
बिंदु सिंधु होता सा ।
सिंधु जल खोता सा ।
निशि श्यामल आँचल में ,
विधु निहार पिरोता सा ।
बिंदु सिंधु होता सा ।
सिंधु जल खोता सा ।
छुपकर दिनकर में ,
ताप लगे सलोना सा ।
बिंदु सिंधु होता सा ।
सिंधु जल खोता सा ।
"निश्चल" रहे नहीं कोई ,
समय समय खिलोना सा ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@..
डायरी 5(537)
सिंधु जल खोता सा ।
टूटें बूंद बूंद बादल से ,
नीर नीर धरा बोता सा ।
बिंदु सिंधु होता सा ।
सिंधु जल खोता सा ।
निशि श्यामल आँचल में ,
विधु निहार पिरोता सा ।
बिंदु सिंधु होता सा ।
सिंधु जल खोता सा ।
छुपकर दिनकर में ,
ताप लगे सलोना सा ।
बिंदु सिंधु होता सा ।
सिंधु जल खोता सा ।
"निश्चल" रहे नहीं कोई ,
समय समय खिलोना सा ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@..
डायरी 5(537)
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