हे माँ ज्ञानदा ,हे माँ ज्ञानदा ।
ज्ञान दे माँ , हे ज्ञान दा माँ ।
हर तिमिर अज्ञान माँ ।
दे ज्ञान प्रभा वरदान माँ ।
है ब्रम्हाणी सकल ब्रम्हांड माँ ,
भर शब्द सकल भंडार माँ ।
नित नव लेखनी शृंगार माँ ।
दे वाणी का पुरुस्कार माँ ।
वंदना .
हे माँ ज्ञानदा ज्ञान दो ,
शब्दों का वरदान दो ।
दूर रहूँ अभिमान से ,
लेखन का स्वाभिमान दो ।
चलता रहूँ सत्य के पथ पर ,
एक ऐसा पथ भान दो ।।
हे माँ ज्ञानदा ज्ञान दो ।
शब्दों का वरदान दो ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
डायरी 7
हो दूर तम अभिमान माँ ।
पाऊँ दीप्ती स्वाभिमान माँ
ज्ञान दे माँ , हे ज्ञानदा माँ ।
....विवेक दुबे"निश्चल"@...
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