बुधवार, 30 अक्तूबर 2019

बदल रही है रीते 858

756
 बदल रहीं है रीते सारी ,
आज नही कल जैसा है ।

रिश्ते नातों के कागज पर ,
 उम्मीदों की रेखा है ।

 ढ़लता है दिन धीरे-धीरे ,
  आते कल की आशा में ,

 पर गहन निशा के आँचल में ,
 कल को किसने देखा है ।

.......विवेक दुबे"निश्चल"@....
डायरी 7/3


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