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चल चला चल ।
बढ़ चला चल ।
ले चला चल ।
हौसलों की हलचल ।
ख़्वाब से निकल ।
न आप में ढल ।
बस देखता चल ।
अहसास के पल ।
तब आएगा निकल ।
हर भोर का कल ।
...."निश्चल"@.
डायरी 7
Blog post 30/10/19
चल चला चल ।
बढ़ चला चल ।
ले चला चल ।
हौसलों की हलचल ।
ख़्वाब से निकल ।
न आप में ढल ।
बस देखता चल ।
अहसास के पल ।
तब आएगा निकल ।
हर भोर का कल ।
...."निश्चल"@.
डायरी 7
Blog post 30/10/19
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