बुधवार, 29 अगस्त 2018

मौसम रंग बदलता धीरे धीरे

मौसम रंग बदलता धीरे धीरे ।
चाँद चलता छलता धीरे धीरे ।

आस संजोए सँग चलती धरती ,
क्षितिज तले वो ढलता धीरे धीरे ।

युवा साँझ सँग हुई यामिनी  ,
अंबर तारों से भरता धीरे धीरे ।

देख यामिनी की श्यामल काया ,
उदित दिवाकर चलता धीरे धीरे ।

दौड़ रहीं है साँसे साँसों में ,
चलता ज़ीवन कटता धीरे धीरे ।

खोज रहा बातें कुछ बातों में ,
लुपता छुपता कुछ धीरे धीरे ।

बीता बचपन गुजरा यौवन ,
ज़रा चला ढलता धीरे धीरे ।

मौसम....
.... विवेक दुबे''निश्चल''@...

कोई टिप्पणी नहीं:

कलम चलती है शब्द जागते हैं।

सम्मान पत्र

  मान मिला सम्मान मिला।  अपनो में स्थान मिला ।  खिली कलम कमल सी,  शब्दों को स्वाभिमान मिला। मेरी यूँ आदतें आदत बनती गई ।  शब्द जागते...