मौसम रंग बदलता धीरे धीरे ।
चाँद चलता छलता धीरे धीरे ।
आस संजोए सँग चलती धरती ,
क्षितिज तले वो ढलता धीरे धीरे ।
युवा साँझ सँग हुई यामिनी ,
अंबर तारों से भरता धीरे धीरे ।
देख यामिनी की श्यामल काया ,
उदित दिवाकर चलता धीरे धीरे ।
दौड़ रहीं है साँसे साँसों में ,
चलता ज़ीवन कटता धीरे धीरे ।
खोज रहा बातें कुछ बातों में ,
लुपता छुपता कुछ धीरे धीरे ।
बीता बचपन गुजरा यौवन ,
ज़रा चला ढलता धीरे धीरे ।
मौसम....
.... विवेक दुबे''निश्चल''@...
चाँद चलता छलता धीरे धीरे ।
आस संजोए सँग चलती धरती ,
क्षितिज तले वो ढलता धीरे धीरे ।
युवा साँझ सँग हुई यामिनी ,
अंबर तारों से भरता धीरे धीरे ।
देख यामिनी की श्यामल काया ,
उदित दिवाकर चलता धीरे धीरे ।
दौड़ रहीं है साँसे साँसों में ,
चलता ज़ीवन कटता धीरे धीरे ।
खोज रहा बातें कुछ बातों में ,
लुपता छुपता कुछ धीरे धीरे ।
बीता बचपन गुजरा यौवन ,
ज़रा चला ढलता धीरे धीरे ।
मौसम....
.... विवेक दुबे''निश्चल''@...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें