जलधरमाला छंद*
विधान~
[मगण भगण सगण मगण]
(222 211 112 222)
12 वर्ण,4 चरण,यति 4,8
दो-दो चरण समतुकांत]
पाते खोते, कुछ कुछ आते जाते ।
राहों से ये , मिलकर कैसे नाते ।
जीतें हारें , क़दम उठे ही पाते ।
जीने को ही, पुलकित जीने आते ।
खोते जाते , पल पल पाते जाते ।
पाते जाते , छण छण खोते जाते ।
रीतीं रातें , कसक रहीं हैं साँसे ।
बीतीं रातें , दिनकर के ही आते ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@...
विधान~
[मगण भगण सगण मगण]
(222 211 112 222)
12 वर्ण,4 चरण,यति 4,8
दो-दो चरण समतुकांत]
पाते खोते, कुछ कुछ आते जाते ।
राहों से ये , मिलकर कैसे नाते ।
जीतें हारें , क़दम उठे ही पाते ।
जीने को ही, पुलकित जीने आते ।
खोते जाते , पल पल पाते जाते ।
पाते जाते , छण छण खोते जाते ।
रीतीं रातें , कसक रहीं हैं साँसे ।
बीतीं रातें , दिनकर के ही आते ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@...
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