शनिवार, 1 सितंबर 2018

चामर छंद रखी

चामर छंद
212 121  212 121   212
7गुरु लघु+गुरु

नेह बांधता सच्चा कच्चा 
 सु-सूत हाथ में ।
दे रहा अखंड मान प्राण  
   ज्ञात हाथ में।

 बांधती अटूट प्यार आज
    भ्रात रेशमी ।
 फैलती उजाल लाज 
   रक्ष पात रेशमी ।


दे रही अमोघ आन भान 
 वो सहोदरा ।
है मिला रही अपार मान
 वो सहोदरा ।

हे अटूट साथ प्राण का 
 अखंड आन सा ।
प्राण से निभात आन को 
 बना सु-प्रान सा।

.... विवेक दुबे"निश्चल"@....





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