बुधवार, 29 अगस्त 2018

एक मन बादल सा

एक मन बादल सा ।
भींगे से बादल सा ।

     लहराता धीरे से ,
    चँचल आँचल सा ।

  रिसती बूंदों सँग ,
  वो मन घायल सा ।
  
     टकरा धरती से ,
    खनका पायल सा ।

 उतर बून्द धरा पर ,
 वो मन "निश्चल" सा ।

...विवेक दुबे"निश्चल"@...


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