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पल पल के पल ।
पलको पर ये पल ।
आज तले वो बीते ,
गुजरे आते जो कल ।
छिटक चाँदनी चँदा से,
निहार चली जमीं तल ।
कर शीत हृदय धरा का ,
रुन्दी कदम अगले पल ।
पल पल के पल ।
पलको पर ये पल ।
उदित चला दिनकर ,
लेकर नव चेतन बल ।
दे चेतन जड़ चेतन को,
साँझ तले जाता छल ।
पल पल के पल ।
पलको पर ये पल ।
जीवन भृमित आभा से ,
खो जाता जीवन में ढल ।
सत्य मिला जब कोई ,
जीवन जीव गया निकल ।
पल पल के पल ।
पलको पर ये पल ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@.
डायरी 6(27)
पल पल के पल ।
पलको पर ये पल ।
आज तले वो बीते ,
गुजरे आते जो कल ।
छिटक चाँदनी चँदा से,
निहार चली जमीं तल ।
कर शीत हृदय धरा का ,
रुन्दी कदम अगले पल ।
पल पल के पल ।
पलको पर ये पल ।
उदित चला दिनकर ,
लेकर नव चेतन बल ।
दे चेतन जड़ चेतन को,
साँझ तले जाता छल ।
पल पल के पल ।
पलको पर ये पल ।
जीवन भृमित आभा से ,
खो जाता जीवन में ढल ।
सत्य मिला जब कोई ,
जीवन जीव गया निकल ।
पल पल के पल ।
पलको पर ये पल ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@.
डायरी 6(27)
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