गुजर गया जो वो जाने दो ।
नव आगंतुक को आने दो ।
टीस रहे न कोई मन में ,
एक जशन नया मनाने दो ।
गुजरे से आधे किस्सों से ,
फिर रिस्ता नया बनाने दो ।
नेह नयन के सागर से ,
प्रीत सीप चुन लाने दो ।
बैर भाव को तज कर ,
प्रेम राग गीत गाने दो ।
नये बरस की छांव तले ,
नव पल सुखद बिताने दो ।
धूप सुनहरे जीवन में ,
जीवन को बिसराने दो ।
आने दो आकर जाने दो ,
"निश्चल"चल कहलाने दो।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
डायरी 6(102)
नव आगंतुक को आने दो ।
टीस रहे न कोई मन में ,
एक जशन नया मनाने दो ।
गुजरे से आधे किस्सों से ,
फिर रिस्ता नया बनाने दो ।
नेह नयन के सागर से ,
प्रीत सीप चुन लाने दो ।
बैर भाव को तज कर ,
प्रेम राग गीत गाने दो ।
नये बरस की छांव तले ,
नव पल सुखद बिताने दो ।
धूप सुनहरे जीवन में ,
जीवन को बिसराने दो ।
आने दो आकर जाने दो ,
"निश्चल"चल कहलाने दो।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
डायरी 6(102)
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