= *नव आयाम मिलें नूतन वर्ष तले* =
गीत ग़जल छंदो की हमजोली ।
ये मन भावन सी काव्य रंगोली ।
सहज रही है आँचल में अपने ,
गंगा यमुनी घाट घाट की बोली ।
निर्मल नीर शब्द तरल से बहते ,
अर्पण करते भावों की झोली ।
पृष्ठ खुलें जब काव्य रंगोली के ,
भान मिले हृदय किताब खोली ।
शृंगारित पृष्ठ पृष्ठ नव चिंतन से ,
ज्यों सजती नव दुल्हन की डोली ।
यही प्रार्थना करें कामना यही सदा ,
सृजित रहे सृजक जगत की टोली ।
काव्य सृजक खिलें हुरियारों से ,
नित खेलें काव्य विधा सँग होली ।
प्रयास गढ़े नित चित्त नीरज ने ,
नव अरु रश्मि शतदल संजोली ।
नव आयाम मिले नूतन वर्ष तले ,
"निश्चल"खूब खिले काव्य रंगोली ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@....
डायरी 6100)
गीत ग़जल छंदो की हमजोली ।
ये मन भावन सी काव्य रंगोली ।
सहज रही है आँचल में अपने ,
गंगा यमुनी घाट घाट की बोली ।
निर्मल नीर शब्द तरल से बहते ,
अर्पण करते भावों की झोली ।
पृष्ठ खुलें जब काव्य रंगोली के ,
भान मिले हृदय किताब खोली ।
शृंगारित पृष्ठ पृष्ठ नव चिंतन से ,
ज्यों सजती नव दुल्हन की डोली ।
यही प्रार्थना करें कामना यही सदा ,
सृजित रहे सृजक जगत की टोली ।
काव्य सृजक खिलें हुरियारों से ,
नित खेलें काव्य विधा सँग होली ।
प्रयास गढ़े नित चित्त नीरज ने ,
नव अरु रश्मि शतदल संजोली ।
नव आयाम मिले नूतन वर्ष तले ,
"निश्चल"खूब खिले काव्य रंगोली ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@....
डायरी 6100)
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