कुछ तकाजे उम्र के ।
कुछ इरादे उम्र के ।
कुछ वादे ता-उम्र के ।
कुछ वे-वादे न-उम्र के ।
कुछ सफ़े अधूरे ,
किताब-ऐ-ज़िल्द के ।
जुड़े कुछ शेर गलत ,
काफ़िया-ऐ-ग़जल के ।
न हो रास्ता बदल ,
चला चल साथ चल ।
मुसाफ़िर हम सभी ,
एक ही मंज़िल के ।
.... विवेक दुबे "निश्चल"@....
कुछ इरादे उम्र के ।
कुछ वादे ता-उम्र के ।
कुछ वे-वादे न-उम्र के ।
कुछ सफ़े अधूरे ,
किताब-ऐ-ज़िल्द के ।
जुड़े कुछ शेर गलत ,
काफ़िया-ऐ-ग़जल के ।
न हो रास्ता बदल ,
चला चल साथ चल ।
मुसाफ़िर हम सभी ,
एक ही मंज़िल के ।
.... विवेक दुबे "निश्चल"@....
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