यह प्रश्न है बड़ा
जीता रहा सारी ज़िंदगी ,
देह से आत्मा के लिए लड़ा ।
हार गई हर बार देह ही ,
आत्मा लिए यक्ष फिर हँसा ।
खोजता है फिर नया बसेरा ,
यक्ष आत्मा लिए हाथ में ।
बनाकर फिर एक देह नई
सौंपता आत्मा के हाथ में ।
यही क्रम सृष्टि आधार बना
मिलन आत्मा देह से सँसार बना ।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@..
जीता रहा सारी ज़िंदगी ,
देह से आत्मा के लिए लड़ा ।
हार गई हर बार देह ही ,
आत्मा लिए यक्ष फिर हँसा ।
खोजता है फिर नया बसेरा ,
यक्ष आत्मा लिए हाथ में ।
बनाकर फिर एक देह नई
सौंपता आत्मा के हाथ में ।
यही क्रम सृष्टि आधार बना
मिलन आत्मा देह से सँसार बना ।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@..
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