मैं भी एक अजूबा अजूबों के शहर में ।
खटकता ही रहा हूँ हर एक नजर में ।
छुपा न सका मैं फ़ितरत को अपनी ,
बड़ा दर्द छुपा था जो मेरे ज़िगर में ।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@...
खटकता ही रहा हूँ हर एक नजर में ।
छुपा न सका मैं फ़ितरत को अपनी ,
बड़ा दर्द छुपा था जो मेरे ज़िगर में ।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@...
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