शुक्रवार, 2 मार्च 2018

खिल उठे जीवन के रंग

खिल उठें ज़ीवन के रंग ।
 आशाओं के अहसासों सँग ।
 घोर निराशाओं की अँधी में,
  दृण "निश्चल" सहारों सँग ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@...

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कलम चलती है शब्द जागते हैं।

सम्मान पत्र

  मान मिला सम्मान मिला।  अपनो में स्थान मिला ।  खिली कलम कमल सी,  शब्दों को स्वाभिमान मिला। मेरी यूँ आदतें आदत बनती गई ।  शब्द जागते...