सुमधुर कामनाएं होली की ।
स्नेहिल रंगों की बोली की ।
सजी हुई है थाल हृदय रंग ,
अहसासों की हमजोली सी ।
वक़्त मिले तब आना तुम ।
यादों को रंग जाना तुम ।
इन अहसासों के रंगों से ,
मुझको तर कर जाना तुम ।
रंगोत्सव मङ्गलमय हो ।
हर रंग ज़ीवन खिला हो ।
बरसे गुलाल खुशियों की ,
स्नेहिल सुगंध भरा हो ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@...
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