मंगलवार, 29 मई 2018

यादों के बादल

          यादों के बादल से ।
          नीर बहे सागर से ।
          कुछ गहरे गहरे से ।
          कुछ राज उज़ागर से ।
     ..
   उतरे आँचल में ,
   नयनों के आँगन से ।
   प्रीत भरे रस के ,
    बरसे बादल से ।
                    .. विवेक दुबे@...
   डायरी 4
    

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कलम चलती है शब्द जागते हैं।

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