सोमवार, 28 मई 2018

ज़ज्ब हुआ

ज़ज्ब हुआ अल्फ़ाज़ किताबों सा ।
 कुछ जिंदगी के अधूरे सवालों सा ।
 खोजता हर राह पे जिंदगी मैं तुझे ,
 खोजतीं निगाहों से निगाहों सा ।
... 
एक सवाल है सवालों सा ।
 कुछ उलझे से ख़यालों सा ।
 आसमान में खामोशी से ,
  टूटकर गिरते सितारों सा ।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@...

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कलम चलती है शब्द जागते हैं।

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