उस माटी में मिल जाओ
उस पानी में घुल जाओ
न भटको दूर कभी न जाओ
जिस माटी पानी से पोषण पाओ
....
शेष नहीं अब आज समर्पण,
होता है कुछ शर्तों पर गठबंधन ।
रिश्ते नाते सूखे तिनकों से ,
एक चिंगारी से जलता घर आँगन ।
...
आओ मिलकर गीत बनाएँ
शब्दों से कुछ संगीत सजाएँ
हो जाए थोड़ी सी हाँ या न
अहसासों को आभास बनाएं
....
बंट गए हम धर्म और जात में।
ईस्वर तो एक है हर किताब में।
....
हालातो की हसरत एक यह भी है ।
कुछ सवालों के जवाब जरूरी भी हैं ।
यकीं है मुझे तुझ पे यकीं करो मुझ पे भी ,
जीतता है सच क्यों हालात से डरते हो ।
...
.... विवेक दुबे "विवेक"©रायसेन .......
उस पानी में घुल जाओ
न भटको दूर कभी न जाओ
जिस माटी पानी से पोषण पाओ
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शेष नहीं अब आज समर्पण,
होता है कुछ शर्तों पर गठबंधन ।
रिश्ते नाते सूखे तिनकों से ,
एक चिंगारी से जलता घर आँगन ।
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आओ मिलकर गीत बनाएँ
शब्दों से कुछ संगीत सजाएँ
हो जाए थोड़ी सी हाँ या न
अहसासों को आभास बनाएं
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बंट गए हम धर्म और जात में।
ईस्वर तो एक है हर किताब में।
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हालातो की हसरत एक यह भी है ।
कुछ सवालों के जवाब जरूरी भी हैं ।
यकीं है मुझे तुझ पे यकीं करो मुझ पे भी ,
जीतता है सच क्यों हालात से डरते हो ।
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.... विवेक दुबे "विवेक"©रायसेन .......
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