गुरुवार, 25 फ़रवरी 2016
शत्रु का संहार करो
नही तनिक भी मेरी परवाह करो
शत्रु आ छुपे जब मेरे पीछे तब
तुम पहले मुझ पर ही प्रहार करो
करो करो बस शत्रु का संहार करो
--
रविवार, 14 फ़रवरी 2016
नमन नमन तुम्हें नमन
( वीर जवान तुम्हे अर्पित श्रद्धा सुमन)
.......
नहीं चली थी कोई गोली
फिर भी
वो सुहागन विधवा हो ली
खोया माँ ने लाल
अनाथ हुआ नौनिहाल
.
पूछो पूछो उनसे एक सवाल
अपनी सुख सुविधा पर
खूब लुटाते हो
अपने लिए हर सुख सुबिधा जुटाते हो
.....
माँ के इन सच्चे बेटों को
तुम क्या इतना कर पाते हो
जो आज भी जुगाड़ से
अपने हथियार चलाते हैं
.....
सज़ल नयन करते नमन
मेरे यह श्रद्धा सुमन
अर्पित करता मैं श्रद्धांजलि
नमन नमन कोटिशः नमन
....
सिंगर चले सँवर चले ।
माथे बाँध कफ़न चले ।
मातृ भूमि के रण बाँके ,
युद्ध समर संग्राम चले ।
विश्व शांति के रक्षक ।
सर्वजन हिताय के पक्षक ।
विश्व शांति की खातिर ,
काँधे संगीन तान चले ।
ले हाथों में जान चले ।
युद्ध समर संग्राम चले ।
….
सिंदूर उजड़ते , सूनी राखी ।
सूनी कोख , छाया की लाचारी ।
कुटिल नीतियाँ सत्ता की ।
सैनिक की छाती गोली खाती ।
.... विवेक दुबे रायसेन © .....
शत्रु का संहार करो
नही तनिक भी मेरी परवाह करो
शत्रु आ छुपे जब मेरे पीछे तब
तुम पहले मुझ पर ही प्रहार करो
करो करो बस शत्रु का संहार करो
--
रविवार, 14 फ़रवरी 2016
नमन नमन तुम्हें नमन
( वीर जवान तुम्हे अर्पित श्रद्धा सुमन)
.......
नहीं चली थी कोई गोली
फिर भी
वो सुहागन विधवा हो ली
खोया माँ ने लाल
अनाथ हुआ नौनिहाल
.
पूछो पूछो उनसे एक सवाल
अपनी सुख सुविधा पर
खूब लुटाते हो
अपने लिए हर सुख सुबिधा जुटाते हो
.....
माँ के इन सच्चे बेटों को
तुम क्या इतना कर पाते हो
जो आज भी जुगाड़ से
अपने हथियार चलाते हैं
.....
सज़ल नयन करते नमन
मेरे यह श्रद्धा सुमन
अर्पित करता मैं श्रद्धांजलि
नमन नमन कोटिशः नमन
....
सिंगर चले सँवर चले ।
माथे बाँध कफ़न चले ।
मातृ भूमि के रण बाँके ,
युद्ध समर संग्राम चले ।
विश्व शांति के रक्षक ।
सर्वजन हिताय के पक्षक ।
विश्व शांति की खातिर ,
काँधे संगीन तान चले ।
ले हाथों में जान चले ।
युद्ध समर संग्राम चले ।
….
सिंदूर उजड़ते , सूनी राखी ।
सूनी कोख , छाया की लाचारी ।
कुटिल नीतियाँ सत्ता की ।
सैनिक की छाती गोली खाती ।
.... विवेक दुबे रायसेन © .....
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