गुरुवार, 12 जुलाई 2018

दोहे 1से5

1
गूढ़ ज्ञान नाही बूझिए , ज्ञान बडा उलझाए ।
सरल ज्ञान के भान से,राम हृदय मिल जाए ।
2
राम चरण की चाकरी,चित्त नही विश्राम।
कृपा करें राम जी, पूरन हों सब काम।
3
भक्त शिरोमणि आप,सुनते सबकी।अरदास।
 राम कृपा रहे अधूरी ,जो त्यागे राम दास ।
4
राम नाम के जाप से बजरंगी होय प्रसन्न ।
 तुलसी रट लगाई राम की हनुमत आए तुरन्त ।
5
 काव्य रचो निज भाव सो , गहरी पैठ बनाए ।
पाठक के पढ़ते ही जो , हृदय जान समाए ।

 .... विवेक दुबे"निश्चल"@...

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