हर मुश्किल हल होगी ।
आज नही तो कल होगी ।
चलता चल तू राह पथिक ,
राह छोर पे मंजिल होगी ।
न हार कभी इन राहों से ,
कोशिश कदम सफ़ल होगी ।
पग धरता चल अंगारों पे ,
पग तले धरा शीतल होगी ।
झुक जाएगा अम्बर भी,
एक दिन पुरुषार्थ तले तेरे ।
तेरे कदमों की उसको भी,
एक दिन चाहत होगी ।
हर मुश्किल हल होगी ।
आज नही तो कल होगी ।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@.....
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