गुरुवार, 12 जुलाई 2018

दोहे 20 से 23

 20
 धैर्य धरा से सीखिए,नील गगन से विस्तार।
  सागर सा मन रखिए, गहरे सोच विचार।।
 21
धैर्य हितेषी आपका,व्याकुलता की काट।
धैर्य कभी न खोइए,लाख विपत्ति आए ।।
22
धैर्य ध्वजा धर्म की ,    धैर्य धर्म की लाज ।
धैर्य धारण जो करे, होय सफल हर काज ।
23
धैर्य कभी न हारिये , धैर्य धर्म की आड़।
धैर्य धरे जो मानवा , पुरुषोत्तम हो जाय ।।
 ..... विवेक दुबे"निश्चल""....

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