शनिवार, 14 जुलाई 2018

नैना नैनन के प्यासे

नैना नैनन के प्यासे ।
 अधर अधरन के प्यासे ।

प्रीतम की इन यादों में ,
स्पंदन साँसों के साजे ।

 आ जाएं प्रीतम मोरे ,
 भा जाऊँ मैं मन में ।

 ये मन भागे ,
 मन के आंगे ।

 राह तकी है जन्मों से ,
 जन्म जाने कितने आंगे ।

 पा जाऊँ एक छवि प्रीतम की ,
 खो जाऊँ मैं बस प्रीतम में ।

.... विवेक दुबे"निश्चल"@..

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