इस काम ने वो काम दिया ।
जिंदगी ने यूँ मुक़ाम दिया ।
खोजते रहे पल फुर्सत के ,
वक़्त ने वो अंजाम दिया ।
खोजतीं चाहत दिल की ,
निग़ाहों ने बदनाम दिया ।
गिरता रहा क़तरा जमीं पर ,
निग़ाह अश्क़ ने पयाम दिया ।
चलता रहा साथ हालात के ,
"निश्चल" क्युं उसे नाम दिया ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
जिंदगी ने यूँ मुक़ाम दिया ।
खोजते रहे पल फुर्सत के ,
वक़्त ने वो अंजाम दिया ।
खोजतीं चाहत दिल की ,
निग़ाहों ने बदनाम दिया ।
गिरता रहा क़तरा जमीं पर ,
निग़ाह अश्क़ ने पयाम दिया ।
चलता रहा साथ हालात के ,
"निश्चल" क्युं उसे नाम दिया ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
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