बुधवार, 27 सितंबर 2017

यह मन


यह शांत मन यह निशांत मन।
 छुपाता बहुत कुछ जानता मन।

 यह ज्ञान मन यह विज्ञान मन ।
  जानता बहुत कुछ नादान मन ।

  यह अंबर मन यह गगन  मन ।
  उठता बहुत झुक जाता मन।

   यह नीर मन यह निर्मल मन ।
 थमता बहुत बह जाता मन ।

 यह निस्तब्ध मन यह स्तब्ध मन।
 चुप रहकर कुछ कह जाता मन।

 यह हर्षित मन यह पुलकित मन।
 आनंदित हो नीर बहाता मन ।

 यह आशा मन यह अभिलाषा मन ।
 ख़ुश हो मन ममोश रह जाता मन ।
 .....विवेक दुबे"निश्चल"@....

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