गरजो तुम हुँकार भरो ।
सिंहो सा तुम नाद करो ।
झुका नही कभी हिमालय ,
जाओ शँख नाद करो ।
हवन हुए बलि वेदी पर ,
सदियों से हम ।
पहले तुम भारत का ,
जाओ इतिहास पढो ।
झुकें नही कट जाएँगे,
माता की तो लाज बचाएंगे ।
पृथ्वी पोरस प्रताप शिवा ,
हम बन जाएंगे ।
रूप धरेगी जब नारी चंडी सा,
तीनो लोक थर्राएँगे ।
होगा शँख नाद अर्जुन सा ,
कृष्ण सारथी बन जाएंगे ।
झुके नही भारत वासी ,
सबक सभी को सिखलायेंगे ।
मातृ भूमि के रक्षा यज्ञ में ,
यज्ञ हवि से स्वाहा हो जाएंगे ।
....... विवेक दुबे ......©
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