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आया सावन ,
करता शिवार्चन ,
भक्ति भाव से ।
भोले भंडारी ,
भरदे झोली खाली ,
तू त्रिपुरारी ।
हे महाकाल
हे शम्भू विशाल
तेरी ही ढाल ।
मैं हूँ अज्ञानी
तू ओघड़ दानी
मुझे सम्हाल ।
शीश झुकाता
अरदास लगाता
एक तू जग दाता ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
Blog post 31/7/18
आया सावन ,
करता शिवार्चन ,
भक्ति भाव से ।
भोले भंडारी ,
भरदे झोली खाली ,
तू त्रिपुरारी ।
हे महाकाल
हे शम्भू विशाल
तेरी ही ढाल ।
मैं हूँ अज्ञानी
तू ओघड़ दानी
मुझे सम्हाल ।
शीश झुकाता
अरदास लगाता
एक तू जग दाता ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
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