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प्रचण्ड मुंड नंदनी ।
असुर शीश खंडनी ।
महा पाप भंजनी ।
महा देव वंदनी ।
सहस्त्र कोटि भानु सम ,
दिव्य तेज धरणी ।
पाप के विनाश को ,
महामाया रजनी ।
श्वेत वस्त्र धार के ,
महाज्ञान प्रकाशनी ।
नमामि देवी नमोस्तुते ,
अशेष ज्ञान प्रदायनी ।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@..
डायरी 5(1)
प्रचण्ड मुंड नंदनी ।
असुर शीश खंडनी ।
महा पाप भंजनी ।
महा देव वंदनी ।
सहस्त्र कोटि भानु सम ,
दिव्य तेज धरणी ।
पाप के विनाश को ,
महामाया रजनी ।
श्वेत वस्त्र धार के ,
महाज्ञान प्रकाशनी ।
नमामि देवी नमोस्तुते ,
अशेष ज्ञान प्रदायनी ।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@..
डायरी 5(1)
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