नैन मिले साजन से ।
हिया मन भावन से ।
कोर कटीले पावन से ।
मादक से सावन से ।
कहते है गुप चुप कुछ ,
वो अपनी अंखियन से ।
नैन मिले साजन से ,,,
रीत रहे अंखियों से ,
बून्द बून्द बादल से ।
कोर बही श्यामल सी ,
कजरारे काजल से ।
नैन मिले साजन से ,,,
बतियाते नैनो से नैना ,
हिया भए धायल से ।
झपकें पलकें पल को ,
खनक उठे पायल से ।
नैन मिले साजन से ,,,
करते बातें मन की ,
मादक सी चितवन से ।
हर रहे हिया पिया का ,
प्रति भरी अंखियन से ।
नैन मिले साजन से ,,,
हिया मन भावन से ,,,,
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
हिया मन भावन से ।
कोर कटीले पावन से ।
मादक से सावन से ।
कहते है गुप चुप कुछ ,
वो अपनी अंखियन से ।
नैन मिले साजन से ,,,
रीत रहे अंखियों से ,
बून्द बून्द बादल से ।
कोर बही श्यामल सी ,
कजरारे काजल से ।
नैन मिले साजन से ,,,
बतियाते नैनो से नैना ,
हिया भए धायल से ।
झपकें पलकें पल को ,
खनक उठे पायल से ।
नैन मिले साजन से ,,,
करते बातें मन की ,
मादक सी चितवन से ।
हर रहे हिया पिया का ,
प्रति भरी अंखियन से ।
नैन मिले साजन से ,,,
हिया मन भावन से ,,,,
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
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