शुक्रवार, 3 अगस्त 2018

नैन मिले साजन से

नैन मिले साजन से ।
हिया मन भावन से ।

कोर कटीले पावन से ।
 मादक से सावन से ।
कहते है गुप चुप कुछ ,
 वो अपनी अंखियन से ।

नैन मिले साजन से ,,,

रीत रहे अंखियों से ,
बून्द बून्द बादल से ।
कोर बही श्यामल सी ,
 कजरारे काजल से ।

नैन मिले साजन से ,,,

 बतियाते नैनो से नैना ,
 हिया भए धायल से ।
 झपकें पलकें पल को ,
 खनक उठे पायल से ।

नैन मिले साजन से ,,,

 करते बातें मन की ,
मादक सी चितवन से ।
 हर रहे हिया पिया का ,
 प्रति भरी अंखियन से ।

नैन मिले साजन से ,,,
हिया मन भावन से ,,,,

.... विवेक दुबे"निश्चल"@..


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