बुधवार, 1 अगस्त 2018

चौपाई

विधा -- चौपाई छंद

1
तिनका चुनकर नीड़ बनाएँ ।
 दाना चुनकर जीव बढ़ाएँ ।
 पँख पखेरू के जब आएँ ।
 अपने मन के तब हो जाएँ ।

2-
 वो तरु कठोर पर झुक जाता ।
 अपने पुष्पों से लद जाता ।
 खग पँख फैला उड़ ना पाता ।
 सुरभित सुमन छू ना पाता ।

.... विवेक दुबे"निश्चल"@...


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कलम चलती है शब्द जागते हैं।

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