रविवार, 22 जुलाई 2018

वो नैना

वो नैना मन भावन से ।
 कारे कजरारे सावन से ।

 बिजुरी चमके सावन की ।
 झपकें पलकें साजन की ।

 वो केश घनेरे काजल से ।
  लहराते गहरे से बदला से ।

 लहराती तब नागिन सी ।
 भींगी लट जो साजन की ।

 रिमझिम बूंदे सी सावन की ।
 पायल खनकी  साजन की ।

  वो चितवन जीवन सी ।
 धडक़त मन चेतन सी ।

 वो नैना मन भावन से ।
 कारे कजरारे सावन से ।

... *विवेक दुबे"निश्चल* "@.

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