बस लिखता चल जो मन कहता है ।
काव्य काल कब भाषा में रहता है ।
सृजित हुआ सदा यह मन से ,
हृदय भाव मन ही कहता है ।
काव्य काल कब भाषा में रहता है ।
बदला नही कभी किसी भाषा में ,
यह समय सदा समय रहता है ।
चला सदा लाँघ कर सीमाएं सारी ,
देश काल भाषा के परे मन बहता है ।
काव्य काल कब भाषा में रहता है ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
काव्य काल कब भाषा में रहता है ।
सृजित हुआ सदा यह मन से ,
हृदय भाव मन ही कहता है ।
काव्य काल कब भाषा में रहता है ।
बदला नही कभी किसी भाषा में ,
यह समय सदा समय रहता है ।
चला सदा लाँघ कर सीमाएं सारी ,
देश काल भाषा के परे मन बहता है ।
काव्य काल कब भाषा में रहता है ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
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