435
हमें भी पता है के तुम्हे पता है ।
ढूंढकर भी पता कोई लापता है ।
मिलकर भी कोई न मिल सका है ।
न मिलकर भी कोई नही जुदा है ।
जिंदगी की इतनी ही अदा है ।
के ज़िन्दगी बस एक सदा है ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
डायरी 5(22)
हमें भी पता है के तुम्हे पता है ।
ढूंढकर भी पता कोई लापता है ।
मिलकर भी कोई न मिल सका है ।
न मिलकर भी कोई नही जुदा है ।
जिंदगी की इतनी ही अदा है ।
के ज़िन्दगी बस एक सदा है ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
डायरी 5(22)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें