शुक्रवार, 22 दिसंबर 2017

मन


श्याम संग नाचत मन
 राधिका सा बन ठन
 मानत रूठ जात मन
 मिलत छुपत जात मन
  राधा सा बन जात मन
 कान्हा में खो जात मन
 कान्हा का हो जात मन
      ....विवेक...


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कलम चलती है शब्द जागते हैं।

सम्मान पत्र

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