सियासत की बिसात पर ।
चलते चाल हर बात पर ।
प्यादों की क्या बात करें ,
राजा भी लगते दाव पर ।
....
राजनीति की कमान से,
मज़हब के तीर हटाना होगा ।
राष्ट्र बचाना होगा ,
मानबता को जगाना होगा ।।
चलते सब एक राह एक ही पथ पर ,
पग से पग मिलाना होगा ।
मुड़ती अपनी अपनी हर राहों को ,
राष्ट्र भक्ति के चौराहे पर लाना होगा ।
राष्ट्र बचाना होगा ,
मानबता को जगाना होगा ।।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@....
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