रविवार, 1 अक्तूबर 2017

जय माँ


------------- *जय माँ* ---------

 दूर कर अंधकार को सूर्य सा प्रकाश हो ।
  हटे तिमिर तारों से जगमग आकाश हो।
 माता तुमसे मानव की यही अरदास हो ।
 ऐसा यह पावन नवरात्रि का त्यौहार हो ।
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 जिससे ऋतु चलतीं मौसम चलता । 
 नव सृजन सा प्रकृति क्रम चलता ।
 करें प्रथम आवाहन उस शक्ति का ,
 जिससे सकल ब्रह्मांड निकलता । 
 .....विवेक दुबे ...©

 *नवरात्रि पर्व की अग्रिम शुभकामनाएं*



                   

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