------------- *जय माँ* ---------
दूर कर अंधकार को सूर्य सा प्रकाश हो ।
हटे तिमिर तारों से जगमग आकाश हो।
माता तुमसे मानव की यही अरदास हो ।
ऐसा यह पावन नवरात्रि का त्यौहार हो ।
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जिससे ऋतु चलतीं मौसम चलता ।
नव सृजन सा प्रकृति क्रम चलता ।
करें प्रथम आवाहन उस शक्ति का ,
जिससे सकल ब्रह्मांड निकलता ।
.....विवेक दुबे ...©
*नवरात्रि पर्व की अग्रिम शुभकामनाएं*
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