ज़िन्दगी ___
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आशाओं संग यह अभिलाषाओं से हारी है ।
नित् नए स्वप्न सजा यह दुल्हन सी साजी है ।
हो रहे घायल पग , पग पग घुंघरू बाँधे बाँधे ,
घुँघरू की थिरकन पर यह घुँघरू सी बाजी है ।
अभिलाषाओं संग यह रक्कासा सी नाची है।
..... विवेक दुबे ©......
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