रविवार, 1 अक्तूबर 2017

स्वाभिमान धनुष का


  छूट न सका वो, तीर कमान से।
   टूट गई कमान,स्वाभिमान से ।

तीर चढ़ाया ज्यों धनुष पर,
 रावण ने हुँकार भरी ।

                       रावण बोला हँसकर ,
                   तुझमे राम सी बात नही ।

 टूट गया वो धनुष,
 खुद इतना सुनकर ।
                            बोला रावण तूने,
                            सच्ची बात कही ।
..... विवेक दुबे....


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