मंगलवार, 3 अक्तूबर 2017

उनके लिए


------- उनके लिए----

 मेरी हर साँस उसी की है ।
 जिसने मुझे हर खुशी दी है।


        छोड़कर अपना घर आँगन,
        मेरे आँगन में रोशनी की है ।

  .        ..... विवेक दुबे...


      



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