रविवार, 25 मार्च 2018

सुलझाता प्रश्न ज़िंदगी के


हर एक की एक समस्या है।
हर एक की एक अवस्था है। 
 सुलझा रहा ज़िंदगी के प्रश्नों को,
 सबकी अपनी अपनी व्यस्तता है।

  बून्द बून्द कर दिन कटता है।
  पल प्रति पल कुछ घटता है।
   कुछ बढ़ जाए कि चिंता में,
  जीवन तो घटता ही घटता है।

 दवा उम्र की दुआ हो जाती है ।
 बोतल खाली फ़ना हो जाती है ।

(फ़ना- नष्ट/  लीन होना)
.….विवेक दुबे"निश्चल"@....

कोई टिप्पणी नहीं:

कलम चलती है शब्द जागते हैं।

सम्मान पत्र

  मान मिला सम्मान मिला।  अपनो में स्थान मिला ।  खिली कलम कमल सी,  शब्दों को स्वाभिमान मिला। मेरी यूँ आदतें आदत बनती गई ।  शब्द जागते...