मेरे सवालों को समझ न सकोगे ।
चलोगे साथ मेरे बस तुम थकोगे ।
कभी करती नही सवाल ये जिंदगी ,
इस बे-सबाल को तुम क्या कहोगे ।
ये फासला खड़ा है तुझमे मुझमे ,
दूर रहकर भी तुम दूर न रहोगे ।
बेकार ही रहा सफ़र तुझ सँग ,
बात एक दिन यह तुम कहोगे ।
.... विवेक दुबे "निश्चल"@..
डायरी 6(68)
चलोगे साथ मेरे बस तुम थकोगे ।
कभी करती नही सवाल ये जिंदगी ,
इस बे-सबाल को तुम क्या कहोगे ।
ये फासला खड़ा है तुझमे मुझमे ,
दूर रहकर भी तुम दूर न रहोगे ।
बेकार ही रहा सफ़र तुझ सँग ,
बात एक दिन यह तुम कहोगे ।
.... विवेक दुबे "निश्चल"@..
डायरी 6(68)
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