किस को आना है ।
किस को जाना है ।
बस एक प्रश्न यही ,
करता रहा दिवाना है ।
राह चले सब अपनी ,
सबका एक ठिकाना है ।
बीत रहे पल पल में ,
पल को यही बताना है ।
चलकर भी न पहुचें ,
पर सफर सुहाना है
"निश्चल" रहे हर दम ,
समय यहीं बिताना है ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@...
हम रीत राग में उलझे है ।
कहते फिर भी सुलझे है ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
डायरी 6(67)
Blog post 13/12/18
किस को जाना है ।
बस एक प्रश्न यही ,
करता रहा दिवाना है ।
राह चले सब अपनी ,
सबका एक ठिकाना है ।
बीत रहे पल पल में ,
पल को यही बताना है ।
चलकर भी न पहुचें ,
पर सफर सुहाना है
"निश्चल" रहे हर दम ,
समय यहीं बिताना है ।
... विवेक दुबे"निश्चल"@...
हम रीत राग में उलझे है ।
कहते फिर भी सुलझे है ।
.... विवेक दुबे"निश्चल"@..
डायरी 6(67)
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