माँ की दुआओं के, यूँ असर होते हैं ।
ठाँव खुद चलकर ,पास नजर होते हैं ।
तपती धूप जब , जीवन राहों की ,
आँचल माँ का बन, बादल होते हैं ।
हो जाता शीतल , चाँद सा सूरज भी ,
जो दखल माँ के , आशीषों के होते हैं ।
ललायित है, स्वयं विधाता भी ,
अवतरित माँ के ,आँचल जो होते है ।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@......
ठाँव खुद चलकर ,पास नजर होते हैं ।
तपती धूप जब , जीवन राहों की ,
आँचल माँ का बन, बादल होते हैं ।
हो जाता शीतल , चाँद सा सूरज भी ,
जो दखल माँ के , आशीषों के होते हैं ।
ललायित है, स्वयं विधाता भी ,
अवतरित माँ के ,आँचल जो होते है ।
..... विवेक दुबे"निश्चल"@......
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें