---7 मार्च है बहुत खास ----
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मैं प्रणय गीत फिर गाता हूँ ।
यादों को जगाता हूँ ।
सुर्ख गुलाबी हाथों को ,
छूते हुए शर्माता हूँ ।
अध् खुले नैनों से,
नयन मिलाता हूँ ।
अधरों के कम्पन से,
हृदय भाव रचाता हूँ ।
मैं प्रणय गीत गाता हूँ ।
साँसों से साँसे मिलाता हूँ ।
दो धड़कन एक बनाता हूँ ।
मैं प्रणय गीत फिर गाता हूँ .....
मृग नयनी कस्तूरी सा पाता हूँ ।
मधुवन भवरें सा मंडराता हूँ ।
मैं प्रणय गीत फिर गाता हूँ .....
प्रणय मिलन की बेला में,
आज तुझे सजाता हूँ ।
पल अनमोल बनाता हूँ ।
मैं प्रणय गीत फिर गाता हूँ .....
तू ही मैं ,मैं ही तू ,
यह अहसास दिलाता हूँ ।
अहसासों के बंधन बंध जाता हूँ ।
मैं प्रणय गीत फिर गाता हूँ ।
.....विवेक दुबे"निश्चल"@.....
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मैं प्रणय गीत फिर गाता हूँ ।
यादों को जगाता हूँ ।
सुर्ख गुलाबी हाथों को ,
छूते हुए शर्माता हूँ ।
अध् खुले नैनों से,
नयन मिलाता हूँ ।
अधरों के कम्पन से,
हृदय भाव रचाता हूँ ।
मैं प्रणय गीत गाता हूँ ।
साँसों से साँसे मिलाता हूँ ।
दो धड़कन एक बनाता हूँ ।
मैं प्रणय गीत फिर गाता हूँ .....
मृग नयनी कस्तूरी सा पाता हूँ ।
मधुवन भवरें सा मंडराता हूँ ।
मैं प्रणय गीत फिर गाता हूँ .....
प्रणय मिलन की बेला में,
आज तुझे सजाता हूँ ।
पल अनमोल बनाता हूँ ।
मैं प्रणय गीत फिर गाता हूँ .....
तू ही मैं ,मैं ही तू ,
यह अहसास दिलाता हूँ ।
अहसासों के बंधन बंध जाता हूँ ।
मैं प्रणय गीत फिर गाता हूँ ।
.....विवेक दुबे"निश्चल"@.....
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